Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi

By | February 27, 2023
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Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi – रवींद्रनाथ टैगोर एक प्रमुख कवि ओर साहित्यकार थे इनकी कविताओ और रचनाओ से हमे साहस और आत्मबल की शिक्षा मिलती है।

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रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य के क्षेत्र मे नोबेल पुरस्का पाने वाले प्रथम एशियाई थे ओर पहेले गेर यूरोपीय भी थे।

रवींद्रनाथ टैगोर करीब 8 साल के थे तब उन्होने अपनी पहली कविता लिखी थी और 6 साल की उम्र में ‘भा नुसिम्हा ’ उपना म से उनकी कवितायेँ प्रकाशित भी हो गयीं ।

रवींद्रनाथ टैगोर कौन थे – Rabindranath Tagore Kaun The

रवींद्रनाथ टैगोर दुनिया के एक मात्र एसे कवि थे जिन्होने दो देशो के लिए राष्ट्रगान रचना की थी भारत के लिए (भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ और बाँग्ला देश का रा ष्ट्रीय गान ‘आमार सोनार बाँग्ला ’ रवींद्रनाथ टैगोर घोर राष्ट्रवादी थे टैगोर देश की आजादी के लिए ब्रिटिश सरकार का विरोध करते थे। रवींद्रनाथ टैगोर एक साहित्यकार, एक कवि, नाटककार, और एक संगीतकार थे ।

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindiमहान कवि, साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ। रवीद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर था ओर माता का नाम श्री मति शारदा देवी था।

रवींद्रनाथ टैगोर अपने भाई बहिनो मे सबसे छोटे थे। रवींद्रनाथ टैगोर बड़े होकर गुरुदेव के नाम से भी प्रसिद्ध हुये।

पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर, अपने पुत्र रविन्द्रनाथ को बैरिस्टर बनाना चाहते थे इसी वजह 1878 से इंगलेंड भेज दिया। रवींद्रनाथ टैगोर ने लंदन की लॉ यूनिवरसिटि मे दाखिला लिया ओर कुछ समय मे टैगोर ने पढ़ाई छोड़ दी।

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi

पढ़ाई छोड़ने के बाद मे 1883 मे रवीद्र नाथ टैगोर का विवाह मृणालिनी देवी नामक कन्या से हो गया। विवाह के बाद करीब 1901 तक का समय सिआल्दा मे अपनी जागीर मे बिताया। रवीद्र नाथ टैगोर ने अपनी जागीर का भ्रमण किया यहा पर गरीब लोगो के जीवन को बहुत करीब से देखा। इस जीवन को देखकर टैगोर ने कई लघु कथाएँ लिखी।

वर्ष 1905 मे पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर भी दुनिया से चल बसे, पिता के चले जाने के बाद मे रविन्द्रनाथ को विरासत मे अधिक संपाती मिली।

रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार

14 नवंबर 1913 को साहित्य के क्षेत्र मे रवींद्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरूस्कर मिला था, यह नोबेल पुरूस्कार गीतांजली के लिए स्वीडिश अकैडमी संस्था ने दिया था

रवींद्रनाथ टैगोर ने करीब 15 गद्य और पद्य कोष लिखे। इस प्रकार रवीद्रनाथ ने साहित्य के माध्यम से मानव जीवन के कई पहलुओ को छुआ।

रवींद्रनाथ टैगोर की यात्रायेँ

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi – रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन मे सन 1878 से लेकर करीब 1932 तक 30 देशो की यात्रा की। टैगोर का मकसद साहित्यक रचनाओ को उन लोगों तक पाहुचना जो बंगाली भाषा नहीं समझते थे। उनकी अंतिम यात्रा सन 1932 मे सीलोन (अब श्रीलंका ) की थी । टैगोर की इन देशो की यात्रा का उदेश्य अपनी कविताए और साहित्या का विस्तार करना था।

समाज के लोग टैगोर को एक कवि के रूप मे जानते थे लेकिन ऐसा नहीं था वो एक कवि के साथ साथ उन्होने कई कहानिया, यात्रा व्रतांत लघु कहानिया ओर कई गीत भी लिखे थे।

रवींद्रनाथ टैगोर संगीत और कला

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi – टैगोर ने लगभग 2230 गीत लिखे और इन गीतों के समूह को रवीन्द्र संगीत कहा जाता है संगीत और कला के क्षेत्र मे रवींद्रनाथ टैगोर (भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’) लिखा। टैगोर ने ( बाँग्ला देश का राष्ट्रीय गान ‘आमार सोनार बाँग्ला ) भी लिखा।

Biography Of Rabindranath Tagore In Hindi

टैगोर ने इन दो देशो का राष्ट्रगान लिखकर गोरव हासिल किया, इन दो देशो के राष्ट्रगान के माध्यम से देश को एक नई दिशा प्रदान की।

रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु – Rabindranath Tagore Death In Hindi

रवींद्रनाथ टैगोर जो कि महान कवि लेखाकर जिंहोने साहित्य के क्षेत्र मे नोबेल पुरूस्कार प्राप्त किया और जीवित समाज का चित्रण किया।

रवींद्रनाथ टैगोर कि मृत्यु 7 अगस्त 1941 कोलकाता मे हुई थी। टैगोर कि इस मृत्यु को नहीं कहा जा सकता वो मर कर भी अमर है।

टैगोर कि कविताए ओर गीत हमे साहस और आत्मबल का पाठ सिखाती है। टैगोर कि कविताए भी अमर है।

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