जैसलमेर का भूतिया गांव1. राजस्थान में कुलधरा गांव की कहानी, kuldhara village story in hindi, कुलधरा गांव का रहस्य राजस्थान in Hindi
Kuldhara Village Story In Hindi – इतिहास के पन्नों में आज भी कुछ ऐसे राज दफन है जो आज तक किसी के सामने उजागर नहीं हुए है और ना कभी होंगे। ऐसा ही कुछ रहस्यमयी राज है जैसलमेर जिले के कुलधरा गांव का जिसे आज के दौर में डरावनी (हान्टेड) जगह के रूप में जाना जाता है।
कुलधरा गांव राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले में स्थित है। यह गांव उस समय राजाओ के शासन काल के दौरान हुआ करता था। इस गांव को वहां के पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। जो जोधपुर के आसपास से यंहा आकर बसे थे। कुलधरा गांव आज से लगभग 200 साल पहले पूरी तरह उजड़ चुका था।
गांव के उजड़ने का मुख्य कारण उस समय की रियासत के दीवान सालम सिंह को माना जाता है। वर्तमान समय में यह गांव खण्डर का रूप ले चुका है।
कुलधरा गांव को जब वहां की जनता ने रातों रात छोड़ा तब उन्होंने उस गांव को श्राप दे दिया कि आज के बाद में यहां कोई भी इंसान नहीं बस पाएगा और ना कभी यह गांव दौबारा बस पायेगा।
कुलधरा गांव पर वह श्राप कितने सालों तक लगा है और यह कितने सालों तक रहेगा इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक रहस्य है जो रहस्य बनकर जमीन के किसी कोने में दफन हो गया है।
वर्तमान में इस गांव को भूतों का गांव भी कहते हैं। गांव उजड़ने का एक कारण कुछ लोग यह भी मानते है कि गांव में जब पानी की समस्या सर पर मंडराने लगी तो उस समय यहां के निवासियों को पानी का समस्या का सामना करना पड़ा और इस कारण से पानी की तलाश में वह इस गांव को छोड़कर किसी अन्य गांव में जा बसे।
2. सालम सिंह का अत्याचार
गांव के उजड़ने का मुख्य कारण जो लोग मानते हैं वह कारण था यहां की रियासत के दीवान सालम। सालम सिंह उस समय की रियासत का एक क्रूर दीवान था जो जनता पर कई प्रकार के अत्याचार किया करता था।
जनता पर कई प्रकार के कर लगाया करता है। ऐसा माना जाता है कि सालम सिंह गांव के एक ब्राह्मण की पुत्री पर इतना मोहित हो गया था कि वह उस ब्राह्मण की पुत्री को हर हाल में पाना चाहता था।
इस बात का गांव के सभी लोगों ने विरोध किया। लेकिन विरोध करने के बावजूद सालम सिंह जनता पर अपना दबाव बनाये रखना चाहता था। गांव वालों को लगा कि यह एक प्रकार का गांव पर संकट है और इस संकट से गांव की हमें रक्षा करनी चाहिए और गांव की इज्जत का भी सवाल था। अगर ऐसे और भी कई सालम सिंह रियासत में आये तो जनता कब तक उनके सामने झुकी रहेगी। ये लोग हमारा शोषण करते रहेंगे।
तब वहां के मुखिया ने आसपास के सभी गांव को पंचायत में बुलाया और अपनी समस्या के बारे में गांव वालों को बताया। सभी गांव वालों ने इस समस्या का निवारण करते हुए गांव छोड़ने की सहमति जताई और एक ही रात में वहां से सब गांव वाले अपना सब कुछ छोड़कर वहां से चले गए।
जाते समय उस गांव को श्राप भी दे गए कि आज के बाद में यहां पर यह गांव दौबारा नहीं बस पायेगा। जब गांव उजड़ चुका था तो वहां पर कोई इंसान जाने की हिम्मत नहीं करता था क्योंकि वहां पर कई प्रकार के हादसे हो चुके थे।
भानगढ़ का किला स्टोरी इन हिंदी
3. पर्यटन केन्द्र का दर्जा
वर्तमान समय में राज्य सरकार ने भी यह मान लिया था कि यह गांव अब केवल एक हान्टेड प्लेस है। अब राज्य सरकार ने इस गांव को पर्यटन का दर्जा दे दिया है।
विश्व भर से लोग इस गांव में घूमने के लिए लिए आते हैं। लेकिन रात में इस गांव में कोई भी नहीं रुकता है। लोगों का यही मानना है आज भी इस गांव में रूहानी ताकतो का साया हैं। या उस समय सालम सिंह द्वारा अत्याचार में मारे गए जो परिवार थे उनकी चीख-पुकार आज भी यहां मौजूद है और सालम सिंह से बदला लेने के लिए मौके का इंतजार कर रहे हो।
4. वैज्ञानिक रिसर्च
यहां पर कई वैज्ञानिक भी रिसर्च कर चुके हैं उन्होंने भी यह मान लिया है कि इस जगह कोई अद्रष्य शक्ति है। जिन पर विजय प्राप्त करना असम्भव है।
5. टूरिस्ट केन्द्र एवं फिल्मों की शूटिंग
कुलधरा गांव आज वर्तमान में पर्यटन केंद्र स्थल है और पर्यटन केंद्र स्थल के साथ-साथ यहां पर कई बालीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। कई नाटकों की भी यहां पर शूटिंग हो चुकी है।
यहां पर प्राचीन समय से बनी हुए एक पानी की बावड़ी भी है जो श्राप से मुक्त मानी जाती है। यहां पर उसी समय का एक मन्दिर भी बना हुआ है। यहां के लोग वैष्णव धर्म के थे। माना जाता है कि गांव का जो मुख्य मन्दिर है वह भगवान विष्णु का था। साथ ही यहा पर कई जगह भगवान गणेष की प्रतिमाऐं भी मिली है।