Chand Bawdi History In Hindi-आभानेरी चांद बावड़ी का इतिहास

By | May 19, 2021
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Chand Bawdi History In Hindi : चांद बावड़ी राजस्थान के दौसा जिले मे आभनेरी ग्राम मे स्थित है जो विश्व की सबसे बड़ी बावड़ी है। यह बावड़ी पुरातात्विक की दृष्टि से अत्यंत सुंदर है, इसकी सुंदरता के इतने चर्चे है की विदेशो से लोग इसे देखने के लिए लोग यहा पर खीचे चले आते है।

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चाँद बावड़ी का निर्माण राजा चाँद ने 9वी शताब्दी मे करवाया था। चाँद बावड़ी को दौसा जिले का हरद्य भी कहा जाता है।

Chand Bawdi History In Hindi-आभानेरी चांद बावड़ी का इतिहास

Chand Baori Abhaneri History In Hindi आभानेरी की चांद बावड़ी को भुलभैया की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है, इसके चारो तरफ पक्की सीढ़िया बनी हुई है ऐसा कहा जाता है की यदि कोई व्यक्ति एक बार किसी सीढ़ी पर अपने पैर रखने के बाद दौबारा उस सीढ़ी पर नहीं आ पाता है।

इस बावड़ी मे लगभग 3400 सीढ़िया बनी हुई है कई सालो पुरानी होने के बावजूद यह बावड़ी आज भी बिल्कुल वैसी ही है।

Chand Bawdi Ka Nirman Kisne Karvaya
चांद बावड़ी का निर्माण किसने करवाया था

Chand Bawdi History In Hindi राजस्थान के दौसा जिले मे स्थित चांद बावड़ी का निर्माण 9 वी शताब्दी मे राजा मिहिर भोज द्वारा करवाया गया था। राजा मिहिर भोज जो चाँद नाम के से भी जाना जाता था, और इन्ही के नाम पर इस बावड़ी का नाम चांद बावड़ी रखा गया था। चांद बावड़ी चारों और से 35 मीटर चौड़ी है । और यह बावड़ी 13 मंज़िला है तथा 100 फीट गहरी है ।

ऐसा कहा जाता है कि चांद बावड़ी मे एक सुरंग भी मोजूद है जिसकी लम्बाई करीब 17 किलोमीटर है जो पास के गाँव भांडारेज ( दौसा जिले मे ) मे निकलती है युद्ध के समय मे राजा और सैनिक अपनी सुरक्षा के लिए इस सुरंग का इस्तेमाल करते थे।

चांद बावड़ी को अंधेरे व उजाले कि बावड़ी भी कहते है और चाँदनी रात मे यह बावड़ी बिलकुल सफ़ेद दिखाई देती है। विश्व कि सबसे गहरी चांद बावड़ी का निर्माण पानी के सुविधा के लिए किया गया था ।

चाँद बावड़ी की दीवारों पर हिन्दू देवी देवताओं के चित्र खास रंगो से चित्रित हुये है जो बावड़ी की शोभा बढाते है। चाँद बावड़ी की निचली मंजिल पर महिसासुर मर्दिनी एवं गणेश जी की सुंदर मूर्तियाँ भी बनी हुई हैं। 

चांद बावड़ी क्यों प्रसिद्द है?

राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी ग्राम में स्थित चाँद बावड़ी के अंदर सिडिया कलात्मक एवं पुरातत्व कला का शानदार उदाहरण है, चांद बावड़ी सबसे गहरी सीडियों वाली बावड़ी है या फिर हुआ इस बावड़ी को गहरी सीडियो वाला कुवा भी कह सकते है ।

Chand Bawdi History In Hindi-आभानेरी चांद बावड़ी का इतिहास

चांद बावड़ी को देखने के लिए विश्व के कोने कोने से लोग आते है और अपनी विशेष आकृति बनावट के लिए यह विश्व प्रसिद्द है । रात मे यह बावड़ी दुघ की तरह सफ़ेद दिखाई देती है यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है ।

हर्षद माता मंदिर Abhaneri राजस्थान

हर्षद माता का मन्दिर राजस्थान के दौसा जिले मे अभानेरी ग्राम मे चाँद बावड़ी Chand Bawdi के सामने बना हुआ है। हर्षद माता का मंदिर का निर्माण राजा चाँद ( मिहिर भोज  )ने ही करवाया था हर्षद माता के मंदिर के सामने चाँद बावड़ी बनी हुई है जिसका मतलब मंदिर मे प्रवेश करने से पहले बावड़ी मे हाथ और पैर धोकर प्रवेश करे यही भारत देश की संस्कृति है।

यहा पर 3 दिन के लिए वार्षिक मेले का आयोजन भी होता है। हर्षद माता का मन्दिर का निर्माण 8 वीं शताब्दी में चौहान वंश के राजा चाँद द्वारा करबाया गया था, जो लगभग 3000 साल पुराना माना जाता है।

इस मंदिर के पत्थरों पर हिन्दू  धर्म  के देवी देवताओं के चित्र बने हुए है इसी लिए यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से अधिक लोकप्रिय है।

आज के समय मे चाँद बावड़ी और हर्षद माता का मन्दिर दोनों ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन हैं। चाँद  बावड़ी  को देखने के लिए  विश्व  के कोने कोने से लोग यहाँ पर आते है।

3 thoughts on “Chand Bawdi History In Hindi-आभानेरी चांद बावड़ी का इतिहास

  1. Rahul kumar gurjar

    This is a lovely place .. and I want to want to visit this palce .. 😇

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