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जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी – Jaisalmer Fort History

By | May 12, 2021
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Jaisalmer Fort History In Hindi -जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी : राजस्थान के इतिहास मे अनेक दुर्गो या किलो का वर्णन है राजस्थान के इन्ही दुर्गो मे एक जैसलमेर का किला भी है जो जैसलमेर शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल है । जैसलमर के किले को एक और नाम से जाना जाता है जिसे सोनार का किला कहते है।

जैसलमेर का किला राजस्थान मे ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े किलो मे से एक है, यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में से एक है राजस्थान मे स्थित यह किला जो कि अलग अलग विशेषताओ कि वजह से जाना जाता है । जैसलमेर का किला जैसलमेर कि शान के रूप मे भी जाना जाता है ।

जैसलमेर किले का इतिहास – Jaisalmer Fort History In Hindi

जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी-Jaisalmer Fort History

जैसलमेर कि शान,(जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी) जैसलमेर किले का निर्माण सन 1156 ईस्वी में रावल जैसल नामक भाटी राजपूत शासक द्वारा किया गया था । जिसने अपने भतीजे भोजदेव को गद्दी से उतरने के लिए गौर के सुल्तान के साथ साजिश की थी । जैसलमेर का यह किला तिरुकुटा पहाड़ी पर स्थित है ।

यह किला राजस्थान के इतिहास मे कई लड़ाईयो का गवा भी बन चुका है । इस किले का निर्माण पीले पत्थरो और पीली रेत से किया गया है, शायद यही पीले पत्थर और पीली रेत जैसलमेर किले को सोने की चमक देते रहते है । 

इसी वजह से जैसलमेर के इस किले को गोल्डन फोर्ट और सोनार दुर्ग ( सोनार का किला ) के नाम से भी जाना जाता है। यह किला थार रेगिस्तान के रेतीले विस्तार के बीचो-बीच खड़ा है, जैसलमेर दुर्ग एक विश्व धरोहर स्थल है ।

जैसलमर किले  का निर्माण किस प्रकार हुआ – Jaisalmer Kile Ka Nirman Kis Prakar Hua

जैसलमेर कि शान, जैसलमेर के इस किले पर अनेक राजाओ ने आक्रमण किए लेकिन एक बार मे किसी भी राजाओ को सफलता नहीं मिली उन्हे नाकामयाबी ही देखने को मिली ।

कहा जाता है कि गौर के सुल्तान उद – दीन मुहम्मद ने अपने राज्य को बचाने के लिए राजपूत शासक रावल जैसल को एक षड्यंत्र  मे फंसा लिया और रावल जैसल पर आक्रमण कर दिया तथा रावल जैसल के किले को लूट लिया गया और किले मे रह रही जनता को किले से बाहर निकाल दिया, और उस किले को पूरी तरह से समाप्त कर दिया ।

इस लड़ाई के बाद रावल जैसल ने जैसलमेर मे स्थित तिरुकुटा के पहाड़ एक नया दुर्ग बनाने का फैसला किया और इसी के चलते रावल जैसल ने जैसलमेर कि नींव रखी और जैसलमेर शहर कि स्थापन कि व इसी शहर को अपनी राजधानी बनाया। इस तरह जैसलमेर के किले का निर्माण हुआ

जैसलमेर किले पर आक्रमण – जैसलमेर किले का युद्ध 

Jaisalmer Fort History रावल जैसल ने 1293-94  मे दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन  खिलजी के साथ युद्ध करना पड़ा इस युद्ध मे रावल जैसल को हार का सामना करना पडा, इस तरह से इस किले पर अलाउद्दीन  खिलजी का अधिकार हो गया अलाउद्दीन  खिलजी ने इस किले पर 8 – 9 साल तक शासन किया था ।

जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी-Jaisalmer Fort History

इसके बाद इस किले पर दूसरा आक्रमण मुगल सम्राट हुमायु द्वारा किया गया इसके विपरीत राजा रावल जैसल हुमायु कि शक्ति व ताकत को देखते हुये संधि करने का फैसला लिया गया । और रावल जैसल ने मुगलो के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के लिए अपनी बेटी का विवाह मुगल सम्राट अकबर के साथ कर दिया ।

जैसलमेर के इस किले पर 1762 तक मुगलो का शासन रहा फिर इसके बाद इस किले पर महाराज मूलराज ने अपना अधिकार जमा लिया, वहीं 1820 ईसवी में मूलराज की मौत के बाद उनके पोत गज सिंह ने जैसलमेर की इस भव्य किला पर अपना कब्जा किया ।

जैसलमेर किले की वास्तुकला

जैसलमेर का यह किला जो कि जैसलमेर कि शान कहलाता है इस किले कि वास्तुकला उतनी ही पुरानी है जितना कि जैसलमेर किले का इतिहास है । तिरुकुटा पहाड़ी पर स्थित इस दुर्ग मे खूबसूरत हवेलियाँ या मकान, मंदिर और सैनिकों तथा व्यापारियों के आवासीय परिसर हैं ।

किले में हवा पोल, रंग पोल और जवाहर पोल, गणेश पोल, ,जैसे कई प्रवेश द्वार है जो विशिष्ट और उत्कृष्ट रूप से तैयार किए गए हैं । जो पीले पत्थरो व पीली रेत से बनाए गए है जो सूर्यास्त होने के बाद सोने के जैसे चमक दिखाई देती है । किले का एक अन्य प्रमुख आकर्षण जवाहर पैलेस है, जिसमें एक शानदार डिजाइन और वास्तुकला है ।

तिरुकुटा पहाड़ी पर स्थित यह किला 30 फीट ऊंची दीवार से घिरा हुआ है यह किला विशाल 99 बुर्ज वाला किला है जैसलमेर किला 1,500 फीट (460 मीटर) लंबा और 750 फीट (230 मीटर) चौड़ा है  इस किले के नीचे की ओर चार प्रवेश द्वार हैं, जिनमें से एक तोप से संरक्षित किया जाता था ।

जैसलमेर का किला मुस्लिम शासकों जैसे अलाउद्दीन-खिलजी और मुगल सम्राट हुमायूँ के कई हमलों से बच गया इस किले कि वास्तुकला मे पांच मंजिला ताजिया टॉवर, जो सिर से लेकर महारावल महल तक स्थित है यह टॉवर मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाया गया था ।

इस किले के महल मे जवाहर पैलेस है जो जैसलमेर किले के अन्य पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह जवाहर पैलेस शाही परिवार का स्थान था इस किले के भीतर राज महल एक ऐसा महल है जो कि हर व्येक्ति को अपनी और आकृषित करता है ।

इसके अलावा जैन और लक्ष्मीकांत मंदिर और कई अन्य मंदिर तथा द्वार हैं । इस किले की खिड़की और दरवाजों को भी बेहद खास तरीके से डिजाइन किया गया है, जिसमें आर्कषक कलाकृतियां भी हैं ।

भारत-पाकिस्तान युद्ध में रही जैसलमेर किले की भूमिका – जैसलमेर फोर्ट हिस्ट्री इन हिंदी

भारत मे ब्रिटिश शासन कि स्थापन के बाद भारत दो भागो मे बट गया एक पाकिस्तान और दूसरा भारत, भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान ने 1965, और 1971 मे भारत पर आक्रमण किया लेकिन पाकिस्तान को पराजय का मुह देखना पडा। 

1965 और 1971 का युद्ध जैसलमेर मे हुआ था ऐसे में इस युद्ध के दौरान वहां के लोगों की सुरक्षा को लेकर जैसलमेर की पूरी आबादी को इस भव्य किले के अंदर भेजने का फैसला लिया गया ।  यह किला इतना विशाल है कि इस किले मे करिब 4000 से भी ज्यादा लोग यहा आ सकते थे तो इस प्रकार जैसलमेर का किले ने लोगो को शरण देकर भारत और पाकिस्तान के युद्ध मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाया ।

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